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मनुष्य न चाहते हुए भी पाप क्यों करता है ?

काम क्रोध मद लोभ सब नाथ नरक के पंथ The post मनुष्य न चाहते हुए भी पाप क्यों करता है ? appeared first on Aaradhika.com.

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जहां देखो वहां मौजूद कृष्ण प्यारा है

गीता के वचन ‘वासुदेव: सर्वम्’ के अनुसार यशोदाजी को श्रीकृष्ण के मुख में हुए ब्रह्माण्ड के दर्शन The post जहां देखो वहां मौजूद कृष्ण प्यारा है appeared first on Aaradhika.com.

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दीवाली पूजन में कुबेर पूजा क्यों?

नवनिधियों के स्वामी कुबेर राजाधिराज कुबेर सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड की धन-सम्पदा के स्वामी होने के साथ देवताओं के भी धनाध्यक्ष (treasurer) हैं। संसार के गुप्त या प्रकट जितने भी वैभव हैं, उन सबके अधिष्ठाता...

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समृद्धि के लिए दीवाली से करें महालक्ष्मी के 12 नामों का जप

महालक्ष्मी को प्रसन्न करने वाले 12 नाम The post समृद्धि के लिए दीवाली से करें महालक्ष्मी के 12 नामों का जप appeared first on Aaradhika.com.

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मनुष्य का सच्चा साथी कौन है?

नाशवान संसार में केवल धर्म ही अचल है और मनुष्य का सच्चा साथी है। The post मनुष्य का सच्चा साथी कौन है? appeared first on Aaradhika.com.

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श्रीकृष्णनाम और पारस पत्थर

पारस से भी बढ़कर क्यों है श्रीकृष्णनाम The post श्रीकृष्णनाम और पारस पत्थर appeared first on Aaradhika.com.

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अर्जुन के रथ के सारथि श्रीकृष्ण

भगवान को अपने जीवन का सारथी कैसे बनाएं ? The post अर्जुन के रथ के सारथि श्रीकृष्ण appeared first on Aaradhika.com.

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व्रज में परमात्मा श्रीकृष्ण के अटपटे नाम

जानें श्रीकृष्ण के व्रज में मधुररस से भरे विभिन्न नाम कौन-से हैं The post व्रज में परमात्मा श्रीकृष्ण के अटपटे नाम appeared first on Aaradhika.com.

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क्यों भक्त की चोट भी सहते हैं भगवान

महाभारत-युद्ध में किसको छूते ही वैष्णवास्त्र बन गया वैजयन्तीमाला The post क्यों भक्त की चोट भी सहते हैं भगवान appeared first on Aaradhika.com.

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मन, इन्द्रिय और प्राणों में कौन है सबसे श्रेष्ठ?

शरीर में पंचप्राणों का स्थान व कार्य क्या है? The post मन, इन्द्रिय और प्राणों में कौन है सबसे श्रेष्ठ? appeared first on Aaradhika.com.

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विश्व-रंगमंच के सूत्रधार श्रीकृष्ण

गांधारी की तेजदृष्टि से वज्र-सी देह होने पर भी क्यों मारा गया दुर्योधन? The post विश्व-रंगमंच के सूत्रधार श्रीकृष्ण appeared first on Aaradhika.com.

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श्रीगणेशगीता : एक परिचय

श्रीगणेशगीता के ४१४ श्लोक दिखलाते हैं मुक्ति का मार्ग The post श्रीगणेशगीता : एक परिचय appeared first on Aaradhika.com.

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व्रज के निराले ठाकुर श्रीबांकेबिहारीजी

श्रीबांकेबिहारीजी के दर्शन में बार-बार क्यों लगाया जाता है पर्दा ? The post व्रज के निराले ठाकुर श्रीबांकेबिहारीजी appeared first on Aaradhika.com.

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सौ हाथों से कमाओ और हजार हाथों से दान करो

क्यों द्रौपदी का भोजनपात्र कभी नहीं होता था खाली The post सौ हाथों से कमाओ और हजार हाथों से दान करो appeared first on Aaradhika.com.

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किस समय करें श्रीकृष्ण के किस स्वरूप का ध्यान

ध्यान करते समय रखें इन बातों का ख्याल The post किस समय करें श्रीकृष्ण के किस स्वरूप का ध्यान appeared first on Aaradhika.com.

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कलिकाल का तारक महामन्त्र

इसे ‘तारकब्रह्म’ भी कहते हैं क्योंकि यह मन्त्र परब्रह्म का वह रूप है जिसके जपने मात्र से ही मनुष्य संसार-सागर से पार हो जाता है। The post कलिकाल का तारक महामन्त्र appeared first on Aaradhika.com.

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जैसा भाव वैसे भगवान

वैष्णव वह है जो अपने दोषों को देखे, दूसरों के नहीं The post जैसा भाव वैसे भगवान appeared first on Aaradhika.com.

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नवग्रहों के अशुभ प्रभाव से कैसे बचें?

ग्रहाधीनं जगत्सर्वं ग्रहाधीना: नरावरा:। कालज्ञानं ग्रहाधीनं ग्रहा: कर्मफलप्रदा:।। (बृहस्पतिसंहिता) अर्थात्–यह सम्पूर्ण संसार ग्रहों के अधीन है, सभी श्रेष्ठजन भी ग्रहों के ही अधीन हैं, काल का ज्ञान भी...

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क्यों करते हैं भगवान अपने भक्तों की चाकरी ?

जाने वो कैसे भक्त थे जिनको खुद भगवान मिला। हमने तो जब-जब दर्शन मांगा साफ हमें इनकार मिला।। किसको भक्ति कहते हैं प्रभो आके बता जाओ। गीता वाला वायदा प्रभो तुम आके निभा जाओ।। भक्त के वश में हैं भगवान...

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मूर्ति में क्यों बसते हैं भगवान ?

यह सत्य है, हैं आप मुझमें और मैं हूँ आपमें, जल में भरी ज्यों भाप है, वह भी भरा है भाव में। हम आप दोनों एक हैं, हैं भिन्नता कहिये कहां, जिसमें नहीं हैं आप ऐसा तत्त्व त्रिभुवन में कहां?।। (पं नन्दकिशोरजी...

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